जो कचरा अभी समस्या है वह कंप्रेस्ड बायोगैस और सीमेंट एनर्जी में बदला जायेगा चंडीगढ़ हिमाचल वार्ता न्यूज़ :- नीरी ने गीले कचरे का प्रोसेसिंग प्लांट बायो मिथेनेशन सिस्टम से स्थापित करने की सिफारिश की थी। इससे कंप्रेस्ड बायोगैस बनाई जाएगी। यह बायो गैस वाहनों के फ्यूल में इस्तेमाल की जा सकेगी।डड्डूमाजरा में लेगेसी वेस्ट हटने के बाद खाली हुई 15 एकड़ जमीन पर यह प्लांट लगेगा। चंडीगढ़, बलवान करिवाल। नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) की कंसल्टेंसी से चंडीगढ़ की सॉलिड वेस्ट की समस्या सुधरेगी। जो कचरा अभी समस्या है वह कंप्रेस्ड बायोगैस और सीमेंट एनर्जी बनाने के काम आएगा। रोजाना निकलने वाले कचरे को प्रोसेसिंग के बाद इसी तरह से बायो गैस और एनर्जी में बदला जाएगा। नीरी ने गीले कचरे का प्रोसेसिंग प्लांट बायो मिथेनेशन सिस्टम से स्थापित करने की सिफारिश की थी। इससे कंप्रेस्ड बायोगैस बनाई जाएगी। यह बायो गैस वाहनों के फ्यूल में इस्तेमाल की जा सकेगी। वहीं सूखे कचरे के प्लांट में कचरे को प्रोसेस कर आरडीएफ से सीमेंट टेक्नोलॉजी के जरिए एनर्जी पैदा की जाएगी। इसके लिए जो आरएफपी तैयार किया गया है। नगर निगम सदन की 13 मई को होने वाली बैठक में इंटिग्रेटिड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। सदन से मंजूरी मिलने पर टेंडर के बाद जो एजेंसी फाइनल होगी वह यह प्रोजेक्ट दो वर्ष में तैयार करेगी और 25 वर्ष इसका ऑपरेशन भी करेगी। यह प्रोजेक्ट डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, मालिकाना, ऑपरेट एंड ट्रांसफर(डीबीफुट) मॉडल पर आधारित होगा।
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Tuesday, May 7