पांवटा ( हिमाचल वार्ता न्यूज):- पूर्व विधायक व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर ने हिमाचल की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में हिम केयर कार्ड को बंद करने के निर्णय पर निराशा प्रकट करते हुए इसे जनहित के खिलाफ कांग्रेस का एक और तुगलकी फ़रमान बताया है। बलदेव तोमर ने कहा कि कांग्रेस की मौजूदा सरकार हिमाचल के इतिहास की सबसे क्रप्ट , कन्फ्यूज़ और कामचोर सरकार साबित हुई है। 19 महीने की इस सरकार की अपनी तो कोई उपलब्धि है ही नहीं। साथ ही भाजपा के अच्छे कामों पर तालाबंदी कर कांग्रेस जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। साल 2019 में भाजपा ने अपने कार्यकाल में हिमाचल में आयुष्मान भारत योजना से छूट गए लोगों को कैशलेस इलाज देने के लिए हिमकेयर योजना को शुरू किया था जिस से प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ मिल रहा था।
सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज न मिल सकने की स्थिति में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा सकने की सुविधा जनता के लिए वरदान बनी थी। मगर हिमाचल प्रदेश में जनता का सहारा बनी हिमकेयर योजना को कांग्रेस सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का तुगलकी फैसला लिया है। यानी कि हिम केयर कार्ड धारक अब प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पाएगा। यह निर्णय हिमाचल की जनता के साथ क्रूर मज़ाक़ है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। बलदेव तोमर ने कहा कि आज कांग्रेस सरकार के राज में प्रदेश में मेडिकल सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं। सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है जहां डायलिसिस जैसी सुविधा के लिए मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पहले जो मरीज़ सरकारी व्यवस्था से तंग होकर प्राइवेट का रुख़ करता था अब कांग्रेस सरकार ने उस पर भी कुठाराघात किया है।
देवभूमि में जो लोग किसी कारणवश सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं करवा पाते थे, वो हिमकेयर योजना का लाभ निजी अस्पताल में जाकर लेते थे। इसके तहत पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज होता रहा है। हिमाचल व हिमाचल के बाहर 141 निजी स्वास्थ्य संस्थानों में हिम केयर कार्ड चलता था। सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों की संख्या 292 है, जहां ये हिम केयर कार्ड की सुविधा मिलती आ रही थी मगर अपने आर्थिक कुप्रबंधन के चलते कांग्रेस ने भाजपा की एक और जनहित की योजना की बलि ले ली।
बलदेव तोमर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब-जब कांग्रेस सत्ता में आती है, विकास कार्य ठप हो जाता है, कर्ज बढ़ना शुरू हो जाता है। प्रदेश में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी दुर्भावना से ग्रसित होकर विकास कार्यों पर तालाबंदी करने का काम किया है। कांग्रेस ने मात्र 1.5 साल में 25000 करोड़ का कर्ज लेकर प्रदेश पर कर्ज का बोझ 95000 करोड़ पहुँचा दिया। कांग्रेस ने प्रदेश को दिया तो कुछ नहीं लेकिन यहां चल रहे स्वास्थ्य संस्थान, शिक्षा केंद्र, सरकारी स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली वर्दियां हों या मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएँ हों सब बंद करने का काम किया।