नाहन ( हिमाचल वार्ता न्यूज) (एसपी जैरथ):- सहकारी बैंक नोहराधार के खाता धारकों के करोड़ों रुपए डकारने वाले सहायक प्रबंधक के एक और कारनामे का खुलासा हुआ है। आरोपी सहायक प्रबंधक ने बैंक में कार्यरत क्लर्क को अंधेरे में रखते हुए उसके साइन एफडीआर कैश करवाने में करवाए हैं। अपने साथ धोखे से शामिल किए गए क्लर्क को भी नौकरी के लाले पड़ गए हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जिस बैंक क्लर्क को मुख्य आरोपी ने अपने साथ शामिल किया है वह हाल ही में क्लास 4 से क्लर्क बना है।
शातिर घोटाले बाज सहायक प्रबंधक के द्वारा क्लर्क की आईडी लगाकर इस बड़े जालसाजी के कारनामे को अंजाम दिया है। बताना जरूरी है कि फिलहाल मुख्य आरोपी सहायक प्रबंधक को नौकरी से सस्पेंड कर उसे शिमला मुख्यालय के साथ अटैच कर दिया गया है। वहीं विभागीय प्रारंभिक जांच भी शुरू कर दी गई है। राज्य सहकारी बैंक जिला सिरमौर अब इस जांच को पूरी करने के बाद शिमला मुख्यालय भेजेगा।
बैंक के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच के आधार पर विस्तृत जांच हेतु शिमला से एक ऑडिट टीम सिरमौर आएगी। यह ऑडिट टीम प्रारंभिक जांच के सबूत के आधार पर अपनी जांच के बाद ही यह तय कर पाएगी की कथित आरोपी के द्वारा बैंक सहित बैंक के ग्राहकों को कितने करोड़ का चूना लगाया गया है। सवाल तो यह भी उठना है कि क्या इस बड़े घोटाले में सहायक प्रबंधक और एक क्लर्क ही जिम्मेवार है।
हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार पूरा बैंक ही जांच के दायरे में माना जा रहा है। बावजूद इसके जांच के बाद पुख्ता सबूत को आधार बनाकर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा। देखना यह भी होगा कि मामले में मुख्य आरोपी ने जिस क्लर्क को शामिल किया है क्या उसेन भी बर्खास्त किया जाएगा या फिष लशिमलार इस बड़े घोटाले में और लोगों की संलिप्तता पाई जाएगी। उधर, जिला सिरमौर मुख्य शाखा प्रबंधक प्रियदर्शन पांडे के द्वारा खबर की पुष्टि की गई हैं।