
नाहन ( संजय सिंह) हिमाचल वार्ता न्यूज
–सिरमौर की गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिए जाने के बाद गुज्जर समुदाय के विरोध के सुर जोर पकड़ने लगे है। समुदाय का कहना है कि गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिए जाने से सीधे तौर पर उनके आरक्षण से छेड़खानी की जा रही है।
सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में गुज्जर समाज कल्याण परिषद के पदाधिकारी आज मीडिया से रूबरू हुए। गुर्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने बताया कि गिरिपार को अगर जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जाता है तो गुज्जर समूदाय के लिए आरक्षित 7.5 प्रतिशत कोटे में कमी आ जाएंगी जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।
ऐसे में सरकार को चाहिए कि गिरिपार क्षेत्र के लिए अलग से कोटा निर्धारित करे या कोटे को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनके हित में जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
नवीन चौधरी ने बताया कि समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है और अपने कोटे को सुरक्षित रखने की मांग कर रहा है उन्होंने कहा कि गिरिपार जनजातीय मामले को आरजीआई ने खारिज कर दिया था।
बावजूद उसके क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा रहा है उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो गुज्जर समुदाय न्यायालय का भी रास्ता खटखटाएंगा और जरूरत पड़ी तो राजधानी शिमला और जंतर मंतर दिल्ली पर जाकर बडे स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।