कांग्रेस विरोध में लाल-पीली
ऊना। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राज्य की तीन आयुर्वेदिक फार्मेसियों को बेचने के लिए ‘दाम’ तय कर दिये हैं, ये फार्मेसियां पपरोला, माजरा व जोगिंद्र नगर में हैं, इनमें काफी अर्से से आयुर्वेदिक दवा निर्माण कार्य ठप हैं, सरकार इनको पीपीपी मोड पर बेचने पर जा रही है और कीमत भी ढाई अरब रुपये तय कर इसी राइजिंग हिमाचल वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया है,
कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर लालपीली है, उसने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि हिमाचल की संपत्तियां बिकने नहीं दी जायेगी।
विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उक्त तीनों ही आयुर्वेदिक फार्मेसियां बेहद अहम हैं, आखिर सरकार को इन्हें बेचने की जरूरत क्यों पड़ रही हैं, जबकि इनका काफी विस्तृत आधारभूत ढांचा हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस सौदेबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि इनवेस्टर मीट के नाम पर राज्य की संपत्तियां बाहरी लोगों को सौंपने की योजना चल रही हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि आखिर हिमाचल की संपत्तियां बेचने की आवश्यकता क्यों पड़ गयी हैं, उन्होंने सवाल किया क्या सरकार दिवालिया हो गयी है, उन्होंने कहा कि यह सरकार की माली हालत की ओर स्पष्ट संकेत हैं।
अग्निहोत्री ने नाहन फाउंडरी को बेचने के लिए भी जयराम सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह फाउंडरी राज्य की सबसे पुरानी विरासत है, इसका सौदा इसे म्यूजिम बनाने के नाम पर हो रहा है, इससे पहले राज्य की अन्य 18 संपत्तियों को बेचने की भी योजना बनायी गयी थी, इस मामले में जो जांच बैठाई गयी थी उसकी रिपोर्ट का आज तक अता पता नहीं है, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस राज्य की संपत्तियां बेचने का विधानसभा में व सड़कों पर कड़ा विरोध करेगी।
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Sunday, April 28