नाहन। जिला सिरमौर में भारतीय खाद्य निगम द्वारा स्थापित की गई थी दो स्थानों कालाअम्ब और पावटा साहिब में पर पीछले 24 घन्टों में 14 हजार क्विंटल गेहूं खरीदी गई है। मण्डी सचिव ने बताया कि इस बार किसानों को गेहूं का रेट 1925 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दिया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी गेहूं की कीमत नकद दी गई है। उन्होंने कहा कि इस से पूर्व यहाँ के किसानों को अपनी उपज पडोसी प्रदेशों में बेचनी पडती थी जिसे की कमत उन्हें कभी भी नकद नहीं मिलती थी और कीमत वसूलने के लिए उन्हें…
Author: Himachal Varta
नाहन। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते हिमाचल प्रदेश में किसानों बाागवानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। लॉकडाउन के कारण मशरूम उत्पादकों को भी भारी नुकसान पहुंचा है और अब यह सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है। लॉकडाउन के कारण मशरूम उत्पादक मशरूम की सप्लाई नहीं कर पाए जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है मशरूम उत्पादकों का कहना है कि भारी मात्रा में मशरूम खराब हो गई। इनका कहना है कि ठीक है जैसे ही मशरूम का सीजन शुरू हुआ उसी समय देश भर के भीतर लॉक डाउन हो…
शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मेजर अनूज सूद के परिजनों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं, जिन्होंने 2 मई, 2020 को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान देश की सेवा करते हुए शहादत दी थी। मुख्यमंत्री ने उनके पिता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सी.के. सूद को एक पत्र लिखकर कहा है कि 21, राष्ट्रीय राइफल्स की टीम का हिस्सा होते हुए मेजर अनूज सूद ने मुठभेड़ के दौरान अद्वितीय साहस और कत्र्तव्यनिष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि मेजर अनूज सूद एक सच्चे यौद्धा थे और देश के लिए उनके शौर्य और बलिदान को सदैव…
शिमला। राज्य सरकार ने चंबा जिला से संबंधित दो वर्षीय कोविड-19 पीड़ित बालिका के इलाज का सारा खर्च उठाने का फैसला लिया है जो दिल की बीमारी से भी पीड़ित है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कहा कि चम्बा जिले की निवासी इस बालिका के दिल में छेद है और उसका इलाज केवल शल्य चिकित्सा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य अथवा राज्य के बाहर ईलाज पर आने वाले खर्च को वहन करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार…
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने आज एक आदेश जारी करके शिक्षा विभाग के 54 अधिकारियों और प्रिंसीपलों का तबादला कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए आज यहाँ शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग द्वारा इन तबादलों और तैनातियों की सूची जारी की गई है। प्रवक्ता के अनुसार जगजीत सिंह प्रिंसीपल जी.एस.एस.एस. पुखराली, रोपड़ को जि़ला शिक्षा अधिकारी (एस.एस.) पठानकोट में तैनात किया गया है। इसी तरह परमिन्दर सिंह बराड़, प्रिंसीपल जी.एस.एस.एस. बाजाखान, फऱीदकोट को जि़ला शिक्षा अधिकारी (एस.एस.) फऱीदकोट, हरदीप सिंह प्रिंसीपल जी.एस.एस.एस. काला नंगल, गुरदासपुर…
शिमला। बाहरी राज्यों से वापस आने के इच्छुक हिमाचलियों को चिकित्सा जांच और संस्थागत क्वारंटीन के उपरान्त ही अपने घर जाने दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इन नोडल अधिकारियों को देश के अन्य भागों में फंसे लोगों राज्य में वापिस लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित करने के लिए नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचलवासियों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी…
शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के प्रमुखों के साथ दूरभाष पर बातचीत कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बहाल करने और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके बहुमूल्य सुझाव लिए। राज्यपाल ने उन्हें 17 मई, 2020 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन आदि से संबंधित एक अवधारणा नोट भेजने का भी आग्रह किया ताकि सरकार को इसका लाभ मिल सके। बातचीत में निदेशक, आईआईटी मंडी टिमोथी गोन्जालव्स और आईआईएम, सिरमौर की निदेशक डाॅ. नीलू मित्रा ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के उपरान्त विश्व में परिस्थितियां बदल जाएंगी।…
उत्पादकता बढ़ाने और सिरमौर में किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए क्रियान्वित है किसान हेल्पलाइन वर्तमान परिदृश्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में निरंतर वृद्धि के बावजूद दिन-प्रतिदिन फसल की उपज में गिरावट आ रही है। रासायनिक खेती में विभिन्न मदों पर खर्चें न केवल फसलों की लागत को बढ़ाते हैं बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी नष्ट करते हैं। रसायनों, कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से खाद्य श्रृंखला में हानिकारक यौगिकों के प्रवेश के साथ-साथ पारिस्थितिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अप्रत्याशित जलवायु और रसायनों की बढ़ती लागत…